गृहकार्य (नोट-बुक कार्य)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 2 से 3 पंक्तियों में दीजिए- (2 अंक)
1. हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई
और कितने घायल हुए?
2. उपनेता प्रेमचंद
ने पर्वतारोहियों को किस स्थिति से अवगत कराया।
3. साउथ कॉल
के कैंप पहुंचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरू की।4. लेखिका की
सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर
60 से 80 शब्दों में दीजिए। (5 अंक)
1 1. एवरेस्ट पर पहुंचने के बाद बछेंद्री पाल
के क्रियाकलापो का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
2. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को
और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार
करनी चाहिए ।इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
पाठ के प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए
-
1. अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?
उत्तर:- अग्रिम दल का नेतृत्व पूर्व उपनेता प्रेमचंद कर रहे थे।
1. अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?
उत्तर:- अग्रिम दल का नेतृत्व पूर्व उपनेता प्रेमचंद कर रहे थे।
2. लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?
उत्तर:- एवरेस्ट को नेपाली भाषा में सागरमाथा नाम से जाना जाता है।
लेखिका को सागरमाथा नाम अच्छा लगा क्योंकि सागर के पैर नदियाँ हैं तो सबसे ऊँची चोटी उसका माथा है और यह एक फूल की तरह दिखाई देता है, जैसे माथा हो | सागरमाथा का अर्थ है समुद्र का मस्तक या माथा । एवरेस्ट वास्तव मे समुद्र का माथा सा प्रतीत होता है ।
उत्तर:- एवरेस्ट को नेपाली भाषा में सागरमाथा नाम से जाना जाता है।
लेखिका को सागरमाथा नाम अच्छा लगा क्योंकि सागर के पैर नदियाँ हैं तो सबसे ऊँची चोटी उसका माथा है और यह एक फूल की तरह दिखाई देता है, जैसे माथा हो | सागरमाथा का अर्थ है समुद्र का मस्तक या माथा । एवरेस्ट वास्तव मे समुद्र का माथा सा प्रतीत होता है ।
3. लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?
उत्तर:- लेखिका को एक बड़े भारी बर्फ़ का बड़ा फूल (प्लूम) पर्वत शिखर पर लहराता हुआ ध्वज जैसा लगा।
उत्तर:- लेखिका को एक बड़े भारी बर्फ़ का बड़ा फूल (प्लूम) पर्वत शिखर पर लहराता हुआ ध्वज जैसा लगा।
4. हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई
और कितने घायल हुए?
उत्तर:- हिमस्खलन से सोलह शेरपा कुलियो मे से एक की मृत्यु हुई और चार घायल हो गए।
उत्तर:- हिमस्खलन से सोलह शेरपा कुलियो मे से एक की मृत्यु हुई और चार घायल हो गए।
5. मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर
ने क्या कहा?
उत्तर:- एक शेरपा कुली की मृत्यु तथा चार के घायल होने के कारण अभियान दल के सदस्यों के चेहरे पर छाए अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकारना पडता है ।
उत्तर:- एक शेरपा कुली की मृत्यु तथा चार के घायल होने के कारण अभियान दल के सदस्यों के चेहरे पर छाए अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकारना पडता है ।
6. रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर:- प्रतिकूल जलवायु के कारण एक रसोई सहायक की मृत्यु हो गई है।
उत्तर:- प्रतिकूल जलवायु के कारण एक रसोई सहायक की मृत्यु हो गई है।
7. कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?
उत्तर:- कैंप-चार २९ अप्रैल को सात हजार नौ सौ मीटर की ऊँचाई पर लगाया गया था।
उत्तर:- कैंप-चार २९ अप्रैल को सात हजार नौ सौ मीटर की ऊँचाई पर लगाया गया था।
8. लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस
तरह दिया?
उत्तर:- लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय यह कह कर दिया कि वह बिल्कुल ही नौसिखिया है और एवरेस्ट उसका पहला अभियान है।
उत्तर:- लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय यह कह कर दिया कि वह बिल्कुल ही नौसिखिया है और एवरेस्ट उसका पहला अभियान है।
9. लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे
किन शब्दों में बधाई दी?
उत्तर:- लेखिका की सफलता पर बधाई देते हुए कर्नल खुल्लर ने कहा, "मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में जाओगी जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा
उत्तर:- लेखिका की सफलता पर बधाई देते हुए कर्नल खुल्लर ने कहा, "मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में जाओगी जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा
• प्रश्न-अभ्यास (लिखित)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए -
10. नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?
उत्तर:- नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को इतना अच्छा लगा कि वह भौंचक्की रही गई। वह एवरेस्ट ल्होत्से और नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी बर्फ़ीली ढेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए -
10. नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?
उत्तर:- नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को इतना अच्छा लगा कि वह भौंचक्की रही गई। वह एवरेस्ट ल्होत्से और नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी बर्फ़ीली ढेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।
11. डॉ.मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?
उत्तर:- डॉ.मीनू मेहता ने उन्हें निम्न जानकारियाँ दीं -
• अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुलों का बनाना।
• लट्ठों और रस्सियों का उपयोग करना।
• बर्फ़ की आड़ी -तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना।
• अग्रिम दल के आभियांत्रिक कार्यो की जानकारी दी।
उत्तर:- डॉ.मीनू मेहता ने उन्हें निम्न जानकारियाँ दीं -
• अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुलों का बनाना।
• लट्ठों और रस्सियों का उपयोग करना।
• बर्फ़ की आड़ी -तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना।
• अग्रिम दल के आभियांत्रिक कार्यो की जानकारी दी।
12. तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या
कहा?
उत्तर:- तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में कहा कि वह एक पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए। कठिन और रोमांचक कार्य करना उनका शौक था। वे लेखिका की सफलता चाहते थे और उन्हें पूरी आशा थी कि वे होंगी |
उत्तर:- तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में कहा कि वह एक पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए। कठिन और रोमांचक कार्य करना उनका शौक था। वे लेखिका की सफलता चाहते थे और उन्हें पूरी आशा थी कि वे होंगी |
13. लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?
उत्तर:- लेखिका को अपने दल के साथ तथा जय और मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी। परन्तु वे लोग पीछे रह गए थे।
उत्तर:- लेखिका को अपने दल के साथ तथा जय और मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी। परन्तु वे लोग पीछे रह गए थे।
14. लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़
किया?
उत्तर:- तंबू के रास्ते एक बड़ा बर्फ़ पिंड गिरा था जिसने कैंप को तहस-नहस कर दिया था| लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया और लेखिका को बाहर निकाला।
उत्तर:- तंबू के रास्ते एक बड़ा बर्फ़ पिंड गिरा था जिसने कैंप को तहस-नहस कर दिया था| लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया और लेखिका को बाहर निकाला।
15. साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले
दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरू की?
उत्तर:- साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने खाना, कुकिंग गैस तथा कुछ ऑक्सीजन सिलिण्डर इकट्ठे किए। अपने दल के दूसरे सदस्यों को मदद करने के लिए एक थर्मस में जूस और दूसरे में चाय भरने के लिए नीचे उतर गई |
उत्तर:- साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने खाना, कुकिंग गैस तथा कुछ ऑक्सीजन सिलिण्डर इकट्ठे किए। अपने दल के दूसरे सदस्यों को मदद करने के लिए एक थर्मस में जूस और दूसरे में चाय भरने के लिए नीचे उतर गई |
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
16. उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?
उत्तर:- उपनेता प्रेमचंद ने अभियान दल के सदस्यों को निम्न स्थितियों से अवगत कराया -
• पहली बड़ी बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके दल ने कैंप - एक (6000 मीटर), जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ़ कर दिया।
• यह भी बताया कि पुल बना दिया गया है, रस्सियाँ बाँध दी गई हैं तथा झंडियों से रास्ते को चिह्नित कर दिया गया है।
• बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है।
• ग्लेशियर बर्फ़ की नदी है और बर्फ़ का गिरना जारी है। यदि हिमपात अधिक हो गया तो अभी तक किए गए सारे काम व्यर्थ हो सकते हैं। हमें रास्ते खोलने का काम दोबारा भी करना पड़ सकता है।
16. उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?
उत्तर:- उपनेता प्रेमचंद ने अभियान दल के सदस्यों को निम्न स्थितियों से अवगत कराया -
• पहली बड़ी बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके दल ने कैंप - एक (6000 मीटर), जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ़ कर दिया।
• यह भी बताया कि पुल बना दिया गया है, रस्सियाँ बाँध दी गई हैं तथा झंडियों से रास्ते को चिह्नित कर दिया गया है।
• बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है।
• ग्लेशियर बर्फ़ की नदी है और बर्फ़ का गिरना जारी है। यदि हिमपात अधिक हो गया तो अभी तक किए गए सारे काम व्यर्थ हो सकते हैं। हमें रास्ते खोलने का काम दोबारा भी करना पड़ सकता है।
17. हिमपात किस तरह होता है और उससे
क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर:- बर्फ़ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को हिमपात कहा जाता है। ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ़ में हलचल मच जाती है। इससे बर्फ़ की बड़ी-बड़ी च़ट्टाने तत्काल गिर जाया करती हैं। अन्य कारणों से भी अचानक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे धरातल पर बड़ी चौड़ी दरारें पड़ जाती हैं। अधिक हिमपात के कारण तापमान में भारी गिरावट आती है। रास्ते बंद हो जाते हैं।
उत्तर:- बर्फ़ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को हिमपात कहा जाता है। ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ़ में हलचल मच जाती है। इससे बर्फ़ की बड़ी-बड़ी च़ट्टाने तत्काल गिर जाया करती हैं। अन्य कारणों से भी अचानक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे धरातल पर बड़ी चौड़ी दरारें पड़ जाती हैं। अधिक हिमपात के कारण तापमान में भारी गिरावट आती है। रास्ते बंद हो जाते हैं।
18. लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का
वर्णन किस तरह किया गया है?
उत्तर:- लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन बहुत भयानक एवं खतरनाक था। लेखिका गहरी नींद में सोई थी कि रात 12.30 बजे एक सख्त चीज़ लेखिका के सिर के पिछले हिस्से से टकराई और वह जाग गई। साथ ही एक जोरदार धमाका भी हुआ। एक लंबा बर्फ़ पिंड ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर कैंप के ऊपर आ गिरा था। उसमें अनेक हिमखंडो का पुंज था। वह एक एक्सप्रेस रेलगाड़ी की तेज़ गति के साथ और भीषण गर्जना के साथ गिरा था। इसने लेखिका के कैंप को नष्ट कर दिया था। इससे चोट तो सभी को लगी पर मृत्यु किसी की भी नहीं हुई।
उत्तर:- लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन बहुत भयानक एवं खतरनाक था। लेखिका गहरी नींद में सोई थी कि रात 12.30 बजे एक सख्त चीज़ लेखिका के सिर के पिछले हिस्से से टकराई और वह जाग गई। साथ ही एक जोरदार धमाका भी हुआ। एक लंबा बर्फ़ पिंड ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर कैंप के ऊपर आ गिरा था। उसमें अनेक हिमखंडो का पुंज था। वह एक एक्सप्रेस रेलगाड़ी की तेज़ गति के साथ और भीषण गर्जना के साथ गिरा था। इसने लेखिका के कैंप को नष्ट कर दिया था। इससे चोट तो सभी को लगी पर मृत्यु किसी की भी नहीं हुई।
19. लेखिका को देखकर 'की' हक्का-बक्का क्यों रह गया?
उत्तर:- लेखिका को अपने दल के अन्य सदस्यों जय, की तथा मीनू के साथ चढाई करनी थी। चूकि लेखिका साउथकोल अपने सहयोगियों से पहले पहुँच गई थाी, इसलिए वह अपने साथीयो की सहायता हेतु पुन दुर्गम पहाडियो से नीचे उतरी। तब वह की के सामने पहुँची, तो वह यह देखकर हक्का बक्का रह गया कि लेखिका इतने दुर्गम रास्तो को पार कर यहॉं दोबारा आ पहुँची है ।
उत्तर:- लेखिका को अपने दल के अन्य सदस्यों जय, की तथा मीनू के साथ चढाई करनी थी। चूकि लेखिका साउथकोल अपने सहयोगियों से पहले पहुँच गई थाी, इसलिए वह अपने साथीयो की सहायता हेतु पुन दुर्गम पहाडियो से नीचे उतरी। तब वह की के सामने पहुँची, तो वह यह देखकर हक्का बक्का रह गया कि लेखिका इतने दुर्गम रास्तो को पार कर यहॉं दोबारा आ पहुँची है ।
20. एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप
बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर:- एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल सात कैंप बनाए गए थे।
1. बेस कैंप - यह कैंप काठमांडू के शेरपालैंड में लगाया गया था। पर्वतीय दल के नेता कर्नल खुल्लर यहीं रहकर एक-एक गतिविधि का संचालन कर रहे थे। उपनेता प्रेमचंद ने भी हिमपात संबंधी सभी कठिनाइयों का परिचय यहीं दिया।
2. कैंप - 1 - यह कैंप 6000 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया। यह हिमपात के ठीक ऊपर था। इसमें सामान जमा था।
3. कैंप - 2 - यह चढ़ाई के रास्ते में था।
4. कैंप - 3 - इसे ल्होत्से की बर्फ़ीली सीधी ढ़लान पर लगाया गया था। यह रंगीन नायलॉन से बना था। यहीं ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर बर्फ़ पिंड कैंप पर आ गिरा था।
5. कैंप - 4 - यह समुद्र तट से 7900 मीटर की ऊँचाई पर था।
6. साउथ कोल कैंप - यहीं से अंतिम दिन की चढ़ाई शुरू है।
7. शिखर कैंप - यह कैंप अंतिम कैंप था। यह एवरेस्ट के ठीक नीचे स्थित था।
उत्तर:- एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल सात कैंप बनाए गए थे।
1. बेस कैंप - यह कैंप काठमांडू के शेरपालैंड में लगाया गया था। पर्वतीय दल के नेता कर्नल खुल्लर यहीं रहकर एक-एक गतिविधि का संचालन कर रहे थे। उपनेता प्रेमचंद ने भी हिमपात संबंधी सभी कठिनाइयों का परिचय यहीं दिया।
2. कैंप - 1 - यह कैंप 6000 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया। यह हिमपात के ठीक ऊपर था। इसमें सामान जमा था।
3. कैंप - 2 - यह चढ़ाई के रास्ते में था।
4. कैंप - 3 - इसे ल्होत्से की बर्फ़ीली सीधी ढ़लान पर लगाया गया था। यह रंगीन नायलॉन से बना था। यहीं ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर बर्फ़ पिंड कैंप पर आ गिरा था।
5. कैंप - 4 - यह समुद्र तट से 7900 मीटर की ऊँचाई पर था।
6. साउथ कोल कैंप - यहीं से अंतिम दिन की चढ़ाई शुरू है।
7. शिखर कैंप - यह कैंप अंतिम कैंप था। यह एवरेस्ट के ठीक नीचे स्थित था।
21. चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति
कैसी थी?
उत्तर:- जब लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पहुँची तब वहाँ तेज़ हवा के कारण बर्फ़ उड़ रही थी। एवरेस्ट की चोटी शंकु के आकार की थी। वहाँ इतनी भी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति एक साथ खड़े हो सकें। चारों ओर हज़ारों मीटर लंबी सीधी ढलान थी। चट्टाने इतनी भुरभुरी थी मानो शीशे की चादरें बिछी हों। लेखिका को फावड़े से बर्फ़ की खुदाई करनी पड़ी ताकि स्वयं को सुरक्षित और स्थिर कर सके। दश्यता शून्य तक पहुँच गई थाी ।
उत्तर:- जब लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पहुँची तब वहाँ तेज़ हवा के कारण बर्फ़ उड़ रही थी। एवरेस्ट की चोटी शंकु के आकार की थी। वहाँ इतनी भी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति एक साथ खड़े हो सकें। चारों ओर हज़ारों मीटर लंबी सीधी ढलान थी। चट्टाने इतनी भुरभुरी थी मानो शीशे की चादरें बिछी हों। लेखिका को फावड़े से बर्फ़ की खुदाई करनी पड़ी ताकि स्वयं को सुरक्षित और स्थिर कर सके। दश्यता शून्य तक पहुँच गई थाी ।
22. सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता
की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?
उत्तर:- लेखिका के व्यवहार से सहयोग और सहायता का परिचय तब मिलता है जब वे अपने दल के दूसरे सदस्यों को मदद करने के लिए एक थर्मस में जूस और दूसरे में चाय भरने के लिए बर्फीली हवा में तंबू से बाहर निकली और नीचे उतरने लगी। जय ने उनके प्रयास को खतरनाक बताया तो बचेंद्री ने जवाब दिया "मैं भी औरों की तरह पर्वतारोही हूँ, इसलिए इस दल में आई हूँ। शारीरिक रूप से ठीक हूँ इसलिए मुझे अपने दल के सदस्यों की मदद क्यों नहीं करनी चाहिए?" यह भावना उसकी सहयोगी प्रवृत्ति को दर्शाती है।
उत्तर:- लेखिका के व्यवहार से सहयोग और सहायता का परिचय तब मिलता है जब वे अपने दल के दूसरे सदस्यों को मदद करने के लिए एक थर्मस में जूस और दूसरे में चाय भरने के लिए बर्फीली हवा में तंबू से बाहर निकली और नीचे उतरने लगी। जय ने उनके प्रयास को खतरनाक बताया तो बचेंद्री ने जवाब दिया "मैं भी औरों की तरह पर्वतारोही हूँ, इसलिए इस दल में आई हूँ। शारीरिक रूप से ठीक हूँ इसलिए मुझे अपने दल के सदस्यों की मदद क्यों नहीं करनी चाहिए?" यह भावना उसकी सहयोगी प्रवृत्ति को दर्शाती है।
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए -
23. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
उत्तर:- यह कथन अभियान दल के नेता कर्नल खुल्लर का है। उन्होंने शेरपा कुली की मृत्यु के समाचार के बाद कहा था। उन्होंने सदस्यों के उत्साहवर्धन करते हुए अभियान के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को वास्तविकता से परिचित करना चाहा। एवरेस्ट की चढ़ाई कोई आसान काम नहीं है, यह जोखिम भरा अभियान होता है। यदि ऐसा कठिन कार्य करते कुए मृत्यु भी हो जाए तो उसे स्वाभाविक घटना के रूप में लेना चाहिए। सच्चा पर्वतारोही इस सत्य के साथ ही अपना अभियान प्रारंभ करता है।
23. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
उत्तर:- यह कथन अभियान दल के नेता कर्नल खुल्लर का है। उन्होंने शेरपा कुली की मृत्यु के समाचार के बाद कहा था। उन्होंने सदस्यों के उत्साहवर्धन करते हुए अभियान के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को वास्तविकता से परिचित करना चाहा। एवरेस्ट की चढ़ाई कोई आसान काम नहीं है, यह जोखिम भरा अभियान होता है। यदि ऐसा कठिन कार्य करते कुए मृत्यु भी हो जाए तो उसे स्वाभाविक घटना के रूप में लेना चाहिए। सच्चा पर्वतारोही इस सत्य के साथ ही अपना अभियान प्रारंभ करता है।
24. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और
इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था।
इससे भी ज़्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान
हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
उत्तर:- इस कथन का आशय है कि हिमपात के कारण बर्फ़ के खंडो के दबाव से कई बार धरती के धरातल पर दरार पड़ जाती है। यह दरार गहरी और चौड़ी होती चली जाती है और हिम-विदर में बदल जाती है यह बहुत खतरनाक होते हैं। यह सुनकर लेखिका का भयभीत होना स्वाभाविक था। इससे भी ज्यादा भयानक जानकारी थी कि पूरे प्रयासों के बाद यह भयंकर हिमपात पर्वतारोहियों व कुलियों को परेशान करता है। उन्हें इनका सामना करना पड़ेगा। लेखिका इस बात से भयभीत थी कि इस तरह की प्राकतिक आपदाओ के कारण वह और उसके सहयोगी पर्वतारोही हर क्षण खतरो से घिरे रहेगे।
उत्तर:- इस कथन का आशय है कि हिमपात के कारण बर्फ़ के खंडो के दबाव से कई बार धरती के धरातल पर दरार पड़ जाती है। यह दरार गहरी और चौड़ी होती चली जाती है और हिम-विदर में बदल जाती है यह बहुत खतरनाक होते हैं। यह सुनकर लेखिका का भयभीत होना स्वाभाविक था। इससे भी ज्यादा भयानक जानकारी थी कि पूरे प्रयासों के बाद यह भयंकर हिमपात पर्वतारोहियों व कुलियों को परेशान करता है। उन्हें इनका सामना करना पड़ेगा। लेखिका इस बात से भयभीत थी कि इस तरह की प्राकतिक आपदाओ के कारण वह और उसके सहयोगी पर्वतारोही हर क्षण खतरो से घिरे रहेगे।
25. बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा
माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में
लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया।
आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।
उत्तर:- लेखिका जब एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर घुटनों के बल बैठ कर बर्फ़ पर अपना माथा लगाया और चुंबन किया। उसके बाद एक लाल कपड़े में माँ दुर्गा का चित्र और हनुमान चालीसा को लपेटा और छोटी से पूजा करके बर्फ़ में दबा दिया वह बहुत खुश थी और उसे अपने माता-पिता का स्मरण हो आया। इस विजय में लेखिाक ने भगवान और अपने माता पिता का बारी बारी से नमन किया । यह लेखिका के लिए अत्यंत गौरव का क्षण था। उन्हें आज भी एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला के रूप में पहचाना जाता है।
उत्तर:- लेखिका जब एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर घुटनों के बल बैठ कर बर्फ़ पर अपना माथा लगाया और चुंबन किया। उसके बाद एक लाल कपड़े में माँ दुर्गा का चित्र और हनुमान चालीसा को लपेटा और छोटी से पूजा करके बर्फ़ में दबा दिया वह बहुत खुश थी और उसे अपने माता-पिता का स्मरण हो आया। इस विजय में लेखिाक ने भगवान और अपने माता पिता का बारी बारी से नमन किया । यह लेखिका के लिए अत्यंत गौरव का क्षण था। उन्हें आज भी एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला के रूप में पहचाना जाता है।
No comments:
Post a Comment